राजस्थान सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाने जा रही है। हाल ही में राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सरकारी शिक्षकों और छात्रों के हित में कई अहम घोषणाएं की हैं, जो न केवल शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेंगी बल्कि शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगी।
50,000 शिक्षकों की पदोन्नति
राज्य में लंबे समय से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों के लिए राहत की खबर है। शिक्षा मंत्री ने घोषणा की है कि इस वर्ष लगभग 50,000 सरकारी शिक्षकों की पदोन्नति की जाएगी। इससे खाली पदों को भरने में मदद मिलेगी और शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ेगा।
37,000 अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन
राज्य सरकार लगभग 37,000 अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन करेगी। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने और स्कूलों में शिक्षक-अभाव की समस्या को दूर करने के लिए उठाया जा रहा है। इससे सभी जिलों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
परीक्षा परिणामों पर शिक्षकों की जिम्मेदारी
अब से छात्रों के कमजोर परीक्षा परिणामों के लिए संबंधित शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि अगर छात्र परिणामों में पिछड़ते हैं तो उसके लिए शिक्षकों की समीक्षा की जाएगी। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है।
री-टोटलिंग और री-चेकिंग की सुविधा
बोर्ड परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए अब छात्रों को री-टोटलिंग और री-चेकिंग की सुविधा मिलेगी। इससे छात्रों को उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में पारदर्शिता का भरोसा मिलेगा और अनावश्यक तनाव से राहत मिलेगी।
रिटोटलिंग से आगे बढ़ा बोर्ड, अब कॉपी की दोबारा जांच भी संभव
अब तक बोर्ड केवल रिटोटलिंग (अंकों की पुनर्गणना) की सुविधा देता था, जिसमें यह देखा जाता था कि सभी प्रश्नों के अंक जोड़े गए हैं या नहीं. लेकिन नई व्यवस्था के तहत, छात्र अपनी उत्तर पुस्तिका की दोबारा जांच (Rechecking) भी करवा सकेंगे, जिससे मूल्यांकन में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगी।
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गणित से होगी शुरुआत, अगले चरण में अन्य विषय शामिल
इस पहल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है और पहले चरण में केवल गणित विषय को शामिल किया गया है. सफलता मिलने पर अगले शैक्षणिक वर्षों में अन्य विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं की भी रिचेकिंग की सुविधा दी जाएगी.